जिले के बारे में
बदायूँ सूफ़ी संतो औलियाओ, वलियों व पीरों की भूमि और ज्यारतों का स्थान भी है| यह हिंदुस्तान की बहुत ही पवित्र भूमि है| प्रो० गोटी जॉन के अनुसार प्राचीन शिलालेखों में इसका नाम “वेदामूथ” था जो शिलालेख लखनऊ म्यूजियम में संरक्षित है| उस काल में इस प्रदेश को “पांचाल” नाम से जाना जाता था| इस शिलालेख की एक पंक्ति के अनुसार इसके पास “भदाऊँलक” नाम का एक गाँव था| मुस्लिम इतिहासकार श्री रोज़ खां लोधी के अनुसार सम्राट अशोक ने यहाँ एक बुद्ध विहार और एक क़िला बनवाया जिसका नाम बुद्धमऊ रखा था| भोगोलिक दृष्टि से बदायूँ शहर पवित्र गंगा नदी के पास 28 अंश 2 मि० 30 से० पूर्वी अक्षांश तथा 79 अंश 01 मि० 20 से० उत्तरी देशान्तर पर स्थित है| जिले की लम्बाई 144 कि०मी० व चौड़ाई 60 कि०मी० है और कुल क्षेत्रफल 4234 वर्ग कि०मी० है | बदायूँ शहर दिल्ली से 235 कि०मी० तथा लखनऊ से 311 कि०मी० है| समुद्र ताल से इसकी ऊचाई 169 मीटर (554 फीट) है|